देश भर के किसानो में छाई ख़ुशी की लहर सच को मिला अच्छाई का साथ। सभी जानते ही है एक साल से ज़ायदा किसानो ने अपना संगर्ष सरकार के प्रति नहीं बल्कि जो कानून पास करने पर सरकार की तरफ से एजेंडा पास करना था उसकेलिए किसानो ने एजेंडे का विरोध किया था।
ठण्ड हो या गर्मी कुछ नहीं देखा उन्होंने बस एक सच को लेकर चलते रहे और कई किसानो ने इस दौरन वक़्त के प्रभाव के चलते हुए अपने प्राणो को देश के नाम करते हुए , सबका साथ देते हुए पांच तत्वों में वलीन हो गए।यह कारवां चलता रहा मंज़िल की तरफ बढ़ता रहा , कुछ खाया या नहीं बस जोश में धुन में अपने आवाज़ को बुलंद करते हुए कदम दर कदम आगे बढ़ता गया .
आज देश के प्रधान मंत्री जी ने देश को सम्भोदित करते हुए किसान भाई चारे के लिए एक सन्देश देते हुए यह बता दिया की अच्छाई हमेशा सच के साथ है । इसी दौरान जिस चीज़ को किसानो ने चाहा था आज प्रधान मंत्रीजी ने एजेंडा वापिस लेने का आदेश जारी कर दिया। जिसे सुनते ही किसानो के बीच ख़ुशी की लहार दौड़ आई
आज उसी सच की ताक़त के आगे अच्छाई ने साथ देकर यह बता दिया की कुछ गलतीयों को कैसे सुधारते हुए देश को तरकी की तरफ बढ़ाना है।
इसमें जीत हार की बात नहीं इसमें बात थी कुछ चन्द चीज़ो को सुधार लाने की जो प्रधानमंत्री जी ने दिन रात इस विषय पर चर्चा करते हुए उसमे सुधार ला दिया।
देश के किसान भाई चारे में ख़ुशी की लहर दौड़ आई यह बात जीत हार की नहीं , अहकार की नहीं बल्कि सही तत्वों की समझने की थी।
जो चंद लोग अहकार कहकर कह कर अपने हे देश के प्रधानमंत्री को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे है। उनको यह समझना चाहिए की प्रधान मंत्री देश का होता है यह देश का पिता भी होता है और माँ का दर्जा भी होता है। जैसे एक सूबे का चीफ मिनिस्टर अपने सूबे के प्रति फ़र्ज़ निभाता है वैसे ही देश के प्रधान मंत्री अपने देश को प्राथमिकता देते हुए देश के नागरिको के भलाई का कार्य करते है और गलती को सुधार करने वाला व्यक्ति ही अपना सच्चा व्यक्तित्व दर्शाता है।
लेखक
नेत्रा कपूर ----
गुरदयाल सिंह ----
सतयदीप ----
हरिनाम ---
अलनाम शाह
नीना जेम्स